ग़ज़ल
दिल के धड़कनों को कम करना चाहता हूँ आज घटित घटना को विसरना चाहता हूँ | जीवन में घटी है
Read Moreजिन्दगी और रेलगाड़ी… दोनों एक जैसी हैं | कभी तेज तो कभी धीमी गति से लेकिन चलती है | पैसेंजर
Read Moreक़ाज़ी भी है मजबूर , क़ातिल को बचाना है एक तरफ हक़ हैं , दूसरे हुज़ूरे आला है |
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