लघुकथा *आशीष कुमार त्रिवेदी 13/11/201616/11/2016 मोह मोह पाश वह जीतेंद्रिय था. कई साल पहले ही उसने सांसारिकता के समस्त बंधनों को तोड़ डाला था. अब तपस्या ही उसका Read More