मुक्तक/दोहा राज किशोर मिश्र 'राज' 03/07/2015 राज मुक्तक सुधा, राज मुक्तक सुधा 2 मुक्तक= राज मुक्तक सुधा =2 [1] महक फूलो से उठती है पिरोए ख्वाब बैठे हैं , अजब की आरजू उनकी सजोए ख्वाब बैठे हैं/ गजब Read More