कविता *कालीपद प्रसाद 30/05/201501/06/2015 माया-मोह, रिश्ते-नातो का जाल .अज्ञानता -अन्धकार चक्रव्यूह ! इस जिंदगी का क्या भरोसा कब शाम हो जाय , भरी दोपहरी में कब सूरज डूब जाय …. उम्मीद Read More