प्रतीक्षा
रीमा सामने बैठे सचिन को ताक रही थी। अचानक सचिन की निगाह पड़ी तो आँखों ही आँखों में उसने पूँछा
Read Moreदयाल बाबू आज फिर चोटिल होकर घर आए। घावों पर दवा लगाती हुई पत्नी बड़बड़ाने लगी। “क्यों जाते हैं उस
Read Moreपापा का फोन आया देख मयंक समझ गया कि आज भी वही बातें सुनने को मिलेंगी। उसे मुंबई में संघर्ष
Read Moreदेख बिन्नो! छोटू के खाने पीने पर टोक मत लगाया कर, मैं तुझे पहले भी कह चुकी हूँ।” सीमा कमरे
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