लघुकथा *आशीष कुमार त्रिवेदी 18/11/201619/11/2016 मुल्क, सरहद रात दूर तक फैली सरहद. अंधेरे में पूरी मुस्तैदी से उसकी निगरानी करता गुरबख़श सिंह. आज दीवाली थी. शाम को ही Read More