हे धरती माता पापियों को

कविता

हे धरती माता पापियों को , क्यों देती तू जन्म

हे धरती माता पापियों को, क्यों देती तू जन्म खून की होली खेल रहे है जो, कैसे होगा अंत द्वापर

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