गजल अहसासों की – पहली कडी
चांद की तरह वो अक्सर, बदल जाते हैं। मतलब अली काम होते निकल जाते हैं॥ स्वाद रिश्तों का कडवा,
Read Moreचांद की तरह वो अक्सर, बदल जाते हैं। मतलब अली काम होते निकल जाते हैं॥ स्वाद रिश्तों का कडवा,
Read Moreहै इश्क़ अगर तो जताना ही होगा दिलबर को पहले बताना ही होगा पसंद नापसंद की है परवाह कैसी तोहफ़े
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