कविता

भारी बुगची (हाइबन आवाज़ में )

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भारी बुगची

कँकरीले ये रास्ते

ख्मी है पैर।   

डॉ हरदीप कौर सन्धु 

 

डॉ. हरदीप कौर सन्धु

नाम : डॉ. हरदीप कौर सन्धु जन्म : बरनाला (पंजाब) -भारत शिक्षा : बी. एससी . बी.एड. एम.एस सी., एम.फ़िल., पी.एच.डी.(वनस्पति विज्ञान) सम्प्रति :कई वर्ष पंजाब के एस. डी. कालेज में अध्यापन (बॉटनी लेक्चरार), अब सिडनी (आस्ट्रेलिया में)। कार्यक्षेत्र : हिंदी व पंजाबी में नियमित लेखन। अनेक रचनाएँ पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित। प्रकाशन - मिले किनारे (ताँका और चोका संग्रह-2011), रचनाकार: रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु / डॉ हरदीप कौर सन्धु; प्रकाशक: अयन प्रकाशन , 1/20 महरौली ,नई दिल्ली -110030. ख़्वाबों की खुशबू (हाइकु संग्रह-2013)रचनाकार: डॉ हरदीप कौर सन्धु ; प्रकाशक: अयन प्रकाशन , 1/20 महरौली ,नई दिल्ली -110030. सम्पादन: यादों के पाखी ( हाइकु -संग्रह ) ; अलसाई चाँदनी ( सेदोका - संग्रह ) उजास साथ रखना ( चोका संग्रह ) रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु' - डॉ भावना कुँअर के साथ प्रकाशन, सम्मान - हाइकु -रत्न सम्मान( पटना)

One thought on “भारी बुगची (हाइबन आवाज़ में )

  • विभा रानी श्रीवास्तव

    सुखद अनुभूति …… बेमिसाल लगा सुनना …..

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