कुंडली : चिंचियाया चीन
———-चिंचियाया चीन ————
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मोदी कान उमेठ कर,बजा रहे हैं बीन ।
तनिक इशारा समझ ले,’केंचुवा खायक’चीन ॥
‘केंचुवा खायक’ चीन,हुआ ‘भूटान’ हमारा ।
और इधर ‘नेपाल’ बना आँखों का तारा ॥
कह सुरेश क्यों मिर्ची तुम्हें लगी रे क्रोधी ?
‘चीन’ देखता जा !! क्या-क्या करता है मोदी ॥
–सुरेश मिश्र
बहुत अछे सुरेश भाई .
बहुत अच्छी कुंडली, सुरेश जी.