कविता

कुंडली : चिंचियाया चीन

———-चिंचियाया चीन ————
=======================

मोदी कान उमेठ कर,बजा रहे हैं बीन ।
तनिक इशारा समझ ले,’केंचुवा खायक’चीन ॥ 
‘केंचुवा खायक’ चीन,हुआ ‘भूटान’ हमारा । 
और इधर ‘नेपाल’ बना आँखों का तारा ॥ 
कह सुरेश क्यों मिर्ची तुम्हें लगी रे क्रोधी ?
‘चीन’ देखता जा !! क्या-क्या करता है मोदी ॥ 

–सुरेश मिश्र 

सुरेश मिश्र

हास्य कवि मो. 09869141831, 09619872154

2 thoughts on “कुंडली : चिंचियाया चीन

  • गुरमेल सिंह भमरा लंदन

    बहुत अछे सुरेश भाई .

  • विजय कुमार सिंघल

    बहुत अच्छी कुंडली, सुरेश जी.

Comments are closed.