कविता

भ्रूण हत्या करने वालों से एक सवाल

 

आस्था के इस देश में पूजी जाती है देवी

और माता तो कहलाती है गौ गंगा और पृथ्वी भी

लोग दूर दूर तक देवी दर्शन करने जाते हैं

और अपने आपको तीर्थ यात्री कहलाते हैं

फिर भ्रूण हत्या करने वालों को क्यों नहीं रहता यह याद

क्यों पूजते हैं उन्हीं कन्याओं को नौ-दुर्गों के बाद ?

मुझे तो ये सब देवी पूजा, तीर्थ यात्रा ढोंग दिखावे लगते हैं

जो नारी जाति का शोषण करते और उनके भ्रूणों को हरते हैं

अशोक गुप्ता

साहिबाबाद निवासी, आटे-अनाज के व्यापारी, मंचों पर कवितायेँ भी पढ़ते हैं.

2 thoughts on “भ्रूण हत्या करने वालों से एक सवाल

  • गुरमेल सिंह भमरा लंदन

    यह सब होता ही रहेगा जब तक भारती लोगों के दिमाग से एक गन्दा पुर्जा ऑपरेशन करके निकाल नहीं दिया जाता .

  • विजय कुमार सिंघल

    आपने अपनी कविता में बहुत सही सवाल उठाया है, भाई साहब. अगर हम कन्या भ्रूण हत्या भी करते रहेंगे तो देवी पूजा शुद्ध पाखण्ड है, इसके अलावा कुछ नहीं.

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