कविता

शिक्षक दिवस ….

शिक्षक वही जो हमें सही शिक्षा दे , कहीं भी , कैसे भी , कभी भी .. और हम अपने जीवन में हर घडी कुछ न कुछ किसी न किसी से सीखते रहते हैं .. सीखना तो जीवन पर्यंत चलता है और सिखाने वाला जरुरी नहीं कि सिर्फ हमारा स्कूल शिक्षक ही हो कोई भी सिखाता है हमसे बड़ा हमसे छोटा …. मेरी नज़र में हर कोई शिक्षक है कोई किसी को कैसे प्रभावित करता है कोई कैसे ….. बस उन्ही सभी शिक्षकों को नमन जिन्होंने मुझे प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप में ज्ञान दिया ….

जीवन पथ पर
चलना सिखाया
अच्छे बुरे के बीच
भेद समझाया
अँधेेरी राहों पर
दीपक बन कर
प्रकाश फैलाया
पग पग पर
आने वाली
बाधाओं से
लड़ना सिखाया
हौसलों का नित
पाठ समझाया
परायों को अपना
बनाना सिखाया
सत्य से प्रेम कराया
झूठ से बैर कराया
क्या – क्या नहीं सिखाया
किस किस ने नहीं सिखाया
हर गुरु को शत शत नमन
प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष सभी को
जिन्होने जाने अनजाने
कितना कुछ सिखाया

….प्रवीन मलिक

प्रवीन मलिक

मैं कोई व्यवसायिक लेखिका नहीं हूँ .. बस लिखना अच्छा लगता है ! इसीलिए जो भी दिल में विचार आता है बस लिख लेती हूँ .....

2 thoughts on “शिक्षक दिवस ….

  • गुरमेल सिंह भमरा लंदन

    अच्छी कविता बहन जी

  • विजय कुमार सिंघल

    अच्छी कविता, प्रवीन जी।

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