कविता

एक महान लेखिका को जनम दिन मुबारक

जनम दिन मुबारक ! जनम दिन मुबारक !
खुछ रहो हर दम ,
यहां भी रहो ,
ऑस्ट्रेलिआ या इंडिया।
ले लो बच्चों से खुछिआं बहुत ,
हम भी करते थे यही कभी
माँ बाप की खुछी थी हमारी भी कभी।

जनम दिन मुबारक !जनम दिन मुबारक !
दिन थे वोह भी ,जब बच्चे थे छोटे ,
तोतली जुबां , मासूम से चेहरे ,
हँसते , कभी रोते , नाचते और गाते ,
जाते स्कूल , किताबें उठाए ,
करते शरारतें , लगते थे अच्छे।

जनम दिन मुबारक ! जनम दिन मुबारक !
हुए जवान तो पढ़ाई कालिज में ,
कुछ ख़ुशी कुछ फ़िक्र नशे जवानी का ,
वोही तो थे दिन कुछ बनने बनाने के ,
पड़ते थे रहते , जब रात भर सारी ,
जाते थे देने ग्लास भर दूध ,
कमजोरी ना हो , यही था फ़िक्र।

जनम दिन मुबारक ! जनम दिन मुबारक !
हुई शादीआं , इतहास दुहराया ,
रंग बिरंगे खिले जो फूल ,
जुबां तोतली , वोही कहकहे ,
फिर गूँज उठा आँगन ,
वोही कापिआं , वोह ही पैंसलें ,
लेकिन , कैलकुलेटर इंटरनेट नया ,
खुश रहें , आबाद रहें , पढ़ें और खूब पढ़ें।
जनम दिन मुबारक ! जनम दिन मुबारक !
भर कर जीअ, मनाएं जनम दिन ,
खाएं केक , बच्चों के हाथों ,
खिचवाएं फोटो , चारों तरफ से ,लक्की डे है आज आप का ,
happy birthday to you ,
happy birthday to you .
जनम दिन मुबारक ! जनम दिन मुबारक !

6 thoughts on “एक महान लेखिका को जनम दिन मुबारक

  • मनजीत कौर

    बहुत प्यारी कविता भाई साहब, आदरणीय श्रीमती लीला तेवानी जी को बहुत सुन्दर ढंग से जनम दिन की मुबारकबाद दी है आप ने ,पड कर आनंद आ गया |

  • विजय कुमार सिंघल

    अच्छी कविता लिखी है भाई साहब. लेकिन आप उस महान लेखिका का नाम लिखना तो भूल ही गए, जिनका जन्म दिन है.

    • विजय भाई , श्री मति लीला तेवानी जी , धन्यवाद .

      • विजय कुमार सिंघल

        भाई साहब. मुझे तो पता ही नहीं था. अब मैंने बहिन जी को जन्म दिवस की शुभकामनायें भेज दी हैं.

        • धन्यवाद विजय भाई .

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