कार्टून – कीर्तिश (साभार)
रुत आती थी सावन की ओर पड़ते थे पेड़ों पर झूले, अब बे-मौसम में बेटियाँ हमारी झूलती हें पेड़ों पर.
हा…हा…हा… बहुत खूब ! उनको लापता ही रहने देना चाहिए.
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हा…हा…हा… बहुत खूब ! उनको लापता ही रहने देना चाहिए.