बेटियों पर चंद हाइकु कविताएँ
1
अल्हड़ बाला
उड़ी पंख पसार
बनी निबाला ।
2
बेटी न जाई
बेटा सूनी कलाई
माता लजाई ।
3
सहमा मन
बेटी भरे उड़ान
गिद्ध जहान ।
4
फूटा अंकुर
तरु हृदय पीड़ा
खिले या नहीं ।
5
अभागी कली
खिलने से पहले
धूल जा मिली ।
6
वेली न बढ़ी
नारी की अरि नारी
आश हताश ।
7
घर का कोना
बेटियाँ नहीं जन्मी
रहता सूना ।
8
बंजर जमीं
खिलती नही कली
मायूस फिजा ।
9
मासूम कली
दहलीज लांघती
गिद्ध सी दृष्टि ।
10
दीप ही नहीं
रोशन करे बेटी
घर आँगन ।
11
क्यूँ मांगो बेटा
एवेरेस्ट पहुंची
देश की बेटी ।
बेटियों पर बहुत अच्छी हाइकु.