नैन हमारे देखे
नैन हमारे देखे
हे शिव जी
नैन हमारे देखे
हज़ारों सपने तुम्हारे
कोई जाने ना
जागे जागे सोये सोये
कोई पहचाने ना
सच सच है यह बात
तुम ही तो जानोगे ना सिर्फ शिव जी
मैं भक्त वत्सला हज़ारों सपने
अपने हृदय में पिरोई शिव नाम का
कभी याद कर रोई कभी सामने देखकर हंसी
कभी आनंद से खिली गुलाबी कमल सा
कोई जाने न कोई पहचाने ना
हे शिव जी मन की बात बस तुम्ही जानो
कभी नयन मेरे आंसुओं से भरे भरे
कभी शिव प्रेम के अरमानो से भरे भरे
कभी सत्त चित्त आनंद से जड़े जड़े
कोई जाने न कोई पहचाने न
कभी मुझे लगते है रस्सी नाग देवता
कभी लगते पत्थर भी शिव और शिवा
हे शिव जी मैं तुम्हे करती हूँ याद
शाम हो या सुबह
कभी गम कभी हार कभी जीत
समय की यही हैं रीत
हे शिव जी
नैन हमारे देखे
हज़ारों सपने तुम्हारे
कोई जाने ना
जागे जागे सोये सोये
कोई पहचाने ना
आनंद से भी परे है शिव जी
बरखा ज्ञानी
अच्छी आध्यात्मिक कविता !