कविता

दो टूक

1- “सीधा “

हुश्न पर इश्क़
हो गया हैं फिदा
हुश्न को इस बात की
पर नही हैं चिंता
इसीलिए कहते है
इश्क़ का रास्ता
नही होता है सीधा

2-‘सच्चाई “

जैसे लोग आपस मे दोस्त होते हैं
कविता कविता भी तो सहेली होते होंगे
काव्य और कविता मित्र होते होंगे
नज़्म ,ग़ज़ल आपस मे मिलकर
चर्चा करते होंगे
उनकी अलग एक दुनियाँ होगी
भावनाओं की बदलियों सा
अपने नभ में विचरते होंगे
प्रेम ,अहिंसा ,करुणा .देश प्रेम ,
श्रधा ,भक्ति ,कौमी एकता
पर एक मत रहते होंगे
सभी मनुष्यों के रक्त में
सच्चाई की नदी को
एकसमान बहते हुऐ
देखते होंगे
चाहे तो सारे मनुष्य मिलकर
पल भर में धरती को स्वर्ग बना सकते हैं
यह वे भी जानते होंगे

3- ” तकदीर “

तस्वीर से भी
मोहब्बत करने से होती है पीर ..
अजीबो ग़रीब है मेरी तकदीर ..

4- “सिलसिला “

जब मिलने मिलाने का टूट जाता है सिलसिला ..
क्यों लगता है मुझे तुम्हे हुआ है मुझसे गिला ..

5-“पनाह “

मिलूँगा वहाँ ..
पहली बार मिला था
तुमसे जहाँ …
तब तक
तेरी यादों ने
दी है मुझे पनाह ..

किशोर कुमार खोरेंद्र

किशोर कुमार खोरेंद्र

परिचय - किशोर कुमार खोरेन्द्र जन्म तारीख -०७-१०-१९५४ शिक्षा - बी ए व्यवसाय - भारतीय स्टेट बैंक से सेवा निवृत एक अधिकारी रूचि- भ्रमण करना ,दोस्त बनाना , काव्य लेखन उपलब्धियाँ - बालार्क नामक कविता संग्रह का सह संपादन और विभिन्न काव्य संकलन की पुस्तकों में कविताओं को शामिल किया गया है add - t-58 sect- 01 extn awanti vihar RAIPUR ,C.G.

2 thoughts on “दो टूक

  • गुरमेल सिंह भमरा लंदन

    बहुत अच्छी लगी .

  • विजय कुमार सिंघल

    अच्छी क्षणिकाएं !

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