कविता

कविता -लिखना …

कविता लिखते -लिखते पता नही चला …

कब शाम हो गयी

कब धुप मुझे छोड़कर चली गयी ..

.भूख नही लगी ..

न पानी पिया न ही गुस्सा आया ..

न किसी की याद आई …

घडी के कांटे की तरह मेरा कुत्ता मेरे आस-पास घूमता रहा …

न आंगन में पोधे से झरे पत्तो या फूल की पंखुरियों को मैंने उठाने की कोशिश की ..

अपनी कमीज ,अपनी देह ,,..से अपरचित ..होता गया ..

लिखता गया ..या चलता गया अपने अंदर के एक और भीतर में …

जहां पर शब्द क्षण क्षण अंकुरित हो रहे थे ..

शब्द मुझमे भरते जा रहे थे ..

और मैं …..

वर्षा की बूंदों की तरह ….

शब्दों के जलाशय मे डूबता जा रहा था …

किशोर कुमार खोरेंद्र

किशोर कुमार खोरेंद्र

परिचय - किशोर कुमार खोरेन्द्र जन्म तारीख -०७-१०-१९५४ शिक्षा - बी ए व्यवसाय - भारतीय स्टेट बैंक से सेवा निवृत एक अधिकारी रूचि- भ्रमण करना ,दोस्त बनाना , काव्य लेखन उपलब्धियाँ - बालार्क नामक कविता संग्रह का सह संपादन और विभिन्न काव्य संकलन की पुस्तकों में कविताओं को शामिल किया गया है add - t-58 sect- 01 extn awanti vihar RAIPUR ,C.G.

2 thoughts on “कविता -लिखना …

  • जवाहर लाल सिंह

    आपके शब्द समन्वय की तुलना नहीं …शब्द मुझमे भरते जा रहे थे ..

    और मैं …..

    वर्षा की बूंदों की तरह ….

    शब्दों के जलाशय मे डूबता जा रहा था …सादर

  • विजय कुमार सिंघल

    वाह ! वाह !!

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