कविता

बाल कविता : राज दुलारा ओम

मेरा ओम प्यारा ओम,
नन्हा राज दुलारा ओम!
दिन भरशरारत करता,
नहीं किसी से ड़रता ओम!
मीठी- मीठी बातें करता ,
सबका मन बहलाता ओम!

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रोज सबेरे स्कूल जाता,
पढ़ लिखकर फिर घर को आता!
बाबा की आँखों का तारा,
घर भर मै सबका प्यारा!
कार्टून, गेम्स , और फुटबाँल,
खूब खेलता ओम!
जब हो जाता थककर चूर,
तब सोने को जाता ओम!
मेरा ओम प्यारा ओम,
नन्हा राज दुलारा ओम!
दिन भर शरारत करता,
नहीं किसी से ड़रता ओम!
मीठी- मीठी बातें करता ,
सबका मन बहलाता ओम!

…राधा श्रोत्रिय”आशा”

राधा श्रोत्रिय 'आशा'

जन्म स्थान - ग्वालियर शिक्षा - एम.ए.राजनीती शास्त्र, एम.फिल -राजनीती शास्त्र जिवाजी विश्वविध्यालय ग्वालियर निवास स्थान - आ १५- अंकित परिसर,राजहर्ष कोलोनी, कटियार मार्केट,कोलार रोड भोपाल मोबाइल नो. ७८७९२६०६१२ सर्वप्रथमप्रकाशित रचना..रिश्तों की डोर (चलते-चलते) । स्त्री, धूप का टुकडा , दैनिक जनपथ हरियाणा । ..प्रेम -पत्र.-दैनिक अवध लखनऊ । "माँ" - साहित्य समीर दस्तक वार्षिकांक। जन संवेदना पत्रिका हैवानियत का खेल,आशियाना, करुनावती साहित्य धारा ,में प्रकाशित कविता - नया सबेरा. मेघ तुम कब आओगे,इंतजार. तीसरी जंग,साप्ताहिक । १५ जून से नवसंचार समाचार .कॉम. में नियमित । "आगमन साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समूह " भोपाल के तत्वावधान में साहित्यिक चर्चा कार्यक्रम में कविता पाठ " नज़रों की ओस," "एक नारी की सीमा रेखा"

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