बाल कविता : राज दुलारा ओम
मेरा ओम प्यारा ओम,
नन्हा राज दुलारा ओम!
दिन भरशरारत करता,
नहीं किसी से ड़रता ओम!
मीठी- मीठी बातें करता ,
सबका मन बहलाता ओम!
रोज सबेरे स्कूल जाता,
पढ़ लिखकर फिर घर को आता!
बाबा की आँखों का तारा,
घर भर मै सबका प्यारा!
कार्टून, गेम्स , और फुटबाँल,
खूब खेलता ओम!
जब हो जाता थककर चूर,
तब सोने को जाता ओम!
मेरा ओम प्यारा ओम,
नन्हा राज दुलारा ओम!
दिन भर शरारत करता,
नहीं किसी से ड़रता ओम!
मीठी- मीठी बातें करता ,
सबका मन बहलाता ओम!
…राधा श्रोत्रिय”आशा”
@yuva-9461cce28ebe3e76fb4b931c35a169b0:disqus ji shukriya 🙂 aapko rachna pasand ayi bahut aabhari hu
बहुत अच्छी कविता .
अच्छी बाल कविता.
@yuva-3c59dc048e8850243be8079a5c74d079:disqus ji shukriya 🙂 aapko rachna pasand ayi bahut aabhari hu