सावधान !
आज देश पर बड़े संकट के संकेत दिखाई पड़ रहे हैं। एक तो पड़ोसी देश पाकिस्तान में बढ़ते आतंकी हमले, विश्व में आतंकियों के बढ़ रहे हौसले, भारत, पाकिस्तान, एवं कई अन्य देशों में राजनैतिकों की बढ़ती लिप्सा, स्वार्थपरता, आदि ये सब भारत के लिए शुभ लक्षण नहीं है। केंद्र की मौजूदा सरकार विपक्षियों के निशाने पर तो है ही साथ ही कहीं न कहीं आंतरिक गुटबाजी की भंवर में जाती दिखाई पड रही है। इतिहास के दो उदाहरण- केंद्र में बनी १९७७ में जनता पार्टी की सरकार एवं १९९१ में उ प्र में बनी भाजपा की सरकारें अपने आंतरिक गुटबाजी के कारण किस दशा को को प्राप्त हुए थे और इसकी सजा देश की जनता किस प्रकार भोगना पड़ा था यह सबको पता है।
भाजपा की सरकार केंद्र में भी है साथ ही कई बड़े प्रदेशों में भी। देश के दो तिहाई से अधिक भूभाग पर आज भाजपा की ही प्रदेशों में सरकारें है। इस लिए सबको साथ लेकर चलने की जिम्मेदारी भाजपा की ही है। साथ ही यह भी ध्यान देना होगा कि सरकारें केवल उनकी ही नहीं होती जिन्होंने उन्हें वोट देकर बनाया है बल्कि उन सभी की होती हैं चाहे वे कट्टर से कट्टर विरोधी ही क्यों न हों।
यह भी एक सत्य है कि सरकार किसी की भी हो सत्ता लोलुप, स्वार्थी, अनैतिक कार्य करने वाले अनेक लोग एन केन प्रकारेण सत्ता में बैठे लोगों से संबंध बना लेते हैं और आपस में फूट डालने व भ्रामक प्रचार कर अपना स्वार्थ सिद्ध करने का प्रयास करते रहते हैं। इस लिए ऐसे तत्वों से भी सावधान रहने की आवश्यकता है। एक सत्य यह भी है कि देश के साथ गद्दारी करने वाला न तो सुख पा सकता है न सर उठाकर चल सकता है बल्कि जीते जी दुर्गति को प्राप्त होता है साथ ही उसके कार्यों की सजा उसकी आने वाली संतानों को भोगना पड़ता है।
आज सारी दुनीआं में आर्थिक मंदी चल रही है , इस लिए ख़ास कर इस्लामिक देशों में बहुत गड़बड़ हो रही है गरीबी की वजह से . भारत में सिआसत गन्दी है , ज़िआदा एमपी देश के लिए कम , अपने लिए ज़िआदा सोचते हैं , अगर कोई पार्टी कमज़ोर पड़ जाती है तो कुछ एमपी मौकापरस्त होने के कारण दुसरी पार्टीं जोएन कर लेते हैं . ऐसे एमपी लोगों को मल्टिनैशनल कम्प्निइओं को घूस दे कर अपना काम निकालना आसान हो जाता है . चाइनीज़ कम्प्निआन इस विषय में बहुत हुशिआर हैं , इसी लिए देश में इतने घुटाले हो रहे हैं . मोदी जी की तरह कुछ और इमानदार सिआसतदान आएं और भ्रष्टाचार ख़तम हो जाए तो देश एक दम ऐसा ऊपर आएगा जैसे समुन्दर में उछाल आ गिया हो .
सही बात और अच्छी बात !