शान्ति पुरोहित
निज आनंद के लिए लिखती हूँ जो भी शब्द गढ़ लेती हूँ कागज पर उतार कर आपके समक्ष रख देती हूँ
http://shantipurohit.com

2 thoughts on “मुक्तक

  1. बहुत खूब .

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