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क्या ‘पीके’ पर प्रतिबन्ध लगना चाहिए?

बहुत से हिन्दू संगठन और व्यक्ति आमिर खान अभिनीत फिल्म ‘पीके’ पर प्रतिबन्ध लगाने की मांग कर रहे हैं, क्योंकि उसमें हिन्दू धर्म की मान्यताओं और परम्पराओं का मजाक उड़ाया गया है. मेरे विचार से ऐसा करने से कोई लाभ नहीं है. ऐसा करके वे फिल्म का और प्रचार ही कर रहे हैं.

इसके स्थान पर हमें इस फिल्म का रचनात्मक विरोध करना चाहिए. मेरे कहने का मतलब है कि हमें इसके जबाब में ऐसी फिल्म बनानी चाहिए जिसमें इस्लामी परम्पराओं और मान्यताओं, जैसे कब्र पूजा, कब्रों पर चादर चढ़ाना, बकरीद पर बकरे काटना, हज करना, पांच बार नमाज़ पढ़ना, चार चार शादियाँ करना, बीस-बीस बच्चे पैदा करना, हलाला करना, जिहाद के नाम पर बेकसूरों की हत्या करना आदि का विरोध किया गया हो या उनका मजाक बनाया गया हो.

क्या कोई हिन्दू संगठन ऐसी फिल्म नहीं बना सकता? अगर ऐसी फिल्म बन जाती है तो अगले दिन से ही दूसरे धर्मों का मजाक बनाने वाली सभी फिल्मों का बनना हमेशा के लिए बंद हो जायेगा. आज जो सेकुलर संप्रदाय के लोग ‘पीके’ का समर्थन कर रहे हैं, उस फिल्म की छीछालेदर करने में सबसे आगे आ जायेंगे.

डॉ. विजय कुमार सिंघल

नाम - डाॅ विजय कुमार सिंघल ‘अंजान’ जन्म तिथि - 27 अक्तूबर, 1959 जन्म स्थान - गाँव - दघेंटा, विकास खंड - बल्देव, जिला - मथुरा (उ.प्र.) पिता - स्व. श्री छेदा लाल अग्रवाल माता - स्व. श्रीमती शीला देवी पितामह - स्व. श्री चिन्तामणि जी सिंघल ज्येष्ठ पितामह - स्व. स्वामी शंकरानन्द सरस्वती जी महाराज शिक्षा - एम.स्टेट., एम.फिल. (कम्प्यूटर विज्ञान), सीएआईआईबी पुरस्कार - जापान के एक सरकारी संस्थान द्वारा कम्प्यूटरीकरण विषय पर आयोजित विश्व-स्तरीय निबंध प्रतियोगिता में विजयी होने पर पुरस्कार ग्रहण करने हेतु जापान यात्रा, जहाँ गोल्ड कप द्वारा सम्मानित। इसके अतिरिक्त अनेक निबंध प्रतियोगिताओं में पुरस्कृत। आजीविका - इलाहाबाद बैंक, डीआरएस, मंडलीय कार्यालय, लखनऊ में मुख्य प्रबंधक (सूचना प्रौद्योगिकी) के पद से अवकाशप्राप्त। लेखन - कम्प्यूटर से सम्बंधित विषयों पर 80 पुस्तकें लिखित, जिनमें से 75 प्रकाशित। अन्य प्रकाशित पुस्तकें- वैदिक गीता, सरस भजन संग्रह, स्वास्थ्य रहस्य। अनेक लेख, कविताएँ, कहानियाँ, व्यंग्य, कार्टून आदि यत्र-तत्र प्रकाशित। महाभारत पर आधारित लघु उपन्यास ‘शान्तिदूत’ वेबसाइट पर प्रकाशित। आत्मकथा - प्रथम भाग (मुर्गे की तीसरी टाँग), द्वितीय भाग (दो नम्बर का आदमी) एवं तृतीय भाग (एक नजर पीछे की ओर) प्रकाशित। आत्मकथा का चतुर्थ भाग (महाशून्य की ओर) प्रकाशनाधीन। प्रकाशन- वेब पत्रिका ‘जय विजय’ मासिक का नियमित सम्पादन एवं प्रकाशन, वेबसाइट- www.jayvijay.co, ई-मेल: [email protected], प्राकृतिक चिकित्सक एवं योगाचार्य सम्पर्क सूत्र - 15, सरयू विहार फेज 2, निकट बसन्त विहार, कमला नगर, आगरा-282005 (उप्र), मो. 9919997596, ई-मेल- [email protected], [email protected]

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