ओस के दाने ……
खेतों में
उगे हैं मोती की तरह
ओस के दाने
गौरया के पंख फंस न जाएँ
इसलिए बबूल के नुकीले कांटे
लगे हैं उन चिड़ियों कों बचाने
दो मैना
टहल रही हैं चुपचाप
प्यार करने का यह नायाब तरीका
जल्दी आना हमें सीखाने
थकी हुई धूप कह रही हैं
संध्या से
अपने लिये तम का बिस्तर बिछाने
प्रकृति की सूनी कलाई में
पलाश आ निकला हैं
केशरिया ..चूड़ियां पहनाने
kishor kumar khorendra
बहुत अच्छी लगी .
shukriyaa
वाह वाह !
dhnyvaad
सुंदर अभिव्यक्ति
thank u