प्यार का विवरण
प्यार का विवरण
तुम मांगती हो
मुझसे मेरे पास बचे
प्यार का विवरण
कुछ भी तो शेष नहीं
अपने ह्रदय का सब प्रेम
तुम्हें ही तो
कर चुका हूँ अरपण
सरसों हो या पलाश
लेकर उनसे रंगों के नूतन अहसास
अमराई से चुराकर
बसंत का राग
सावन की बरखा से भींगे हुए
उल्लसित गुलाब
नदियों के जल में बहते हुए
बादलों के …घुले हुए ख़्वाब
इन सबका कर चुका हूँ
तुम्हें वितरण
तुम्हारी कलाई में पहनाये थे मैंने
स्वर्णिम किरणों के कंगन
तुम्हारे माथे पर किया था मैंने
सिंदूरी सूरज के रंग का
बिंदु मय ..अंकन
सितारों की चमक से
जगमगा उठा था
एक निशा तुम्हारा अंचल
फिर भी तुम्हारा शंकित मन करता हैं
चिंतन और मंथन
तुम्हारे प्रति उत्पन्न
मेरे इस प्रेम का न जाने कब करोगी
तुम समर्थन
तुम पर अपना
सर्वस्व न्योछावर करने के लिये ही तो
तो .. हुआ है मेरा जनम
मैं हूँ कभी हराभरा पर्यावरण
मैं हूँ कभी मोंगरे के पुष्प सा
धवल …वातावरण
मुझमे निहारों अपना सुन्दर मुखड़ा
मैं हूँ निश्छल एक दरपण
किशोर कुमार खोरेन्द्र
प्यारी रचना
shukriya
बहुत ख़ूब
dhnyvaad
वाह…सर
thankx a lot