कविता

बसंत ऋतू का जब हुआ आगमन

सभी को ….

भाने लगा यह मौसम 

बहने  लगा शीतल पवन 

मनमोहक हुआ 

सम्पूर्ण वातावरण 

बसंत ऋतु  का …

जब हुआ आगमन 

खिलते ही पुष्पों के 

धरती गयी निखर 

सरसों सा   पीला  रंग 

चहुँ और गया बिखर 

सीने में अपने प्यार लिए 

बहने लगे फिर से निर्झर 

नवं -उमंग से 

भर उठा सबका जीवन 

बसंत ऋतू का 

जब हुआ आगमन 

मदहोश हो गए अन्तरंग भाव 

छिपूँ कहाँ सोच रही छाँव 

एक दूजे  को 

 निहारने लगे एकटक 

प्रेमी  युगलों के नयन 

बसंत ऋतू का 

जब हुआ आगमन 

किशोर कुमार खोरेन्द्र 

किशोर कुमार खोरेंद्र

परिचय - किशोर कुमार खोरेन्द्र जन्म तारीख -०७-१०-१९५४ शिक्षा - बी ए व्यवसाय - भारतीय स्टेट बैंक से सेवा निवृत एक अधिकारी रूचि- भ्रमण करना ,दोस्त बनाना , काव्य लेखन उपलब्धियाँ - बालार्क नामक कविता संग्रह का सह संपादन और विभिन्न काव्य संकलन की पुस्तकों में कविताओं को शामिल किया गया है add - t-58 sect- 01 extn awanti vihar RAIPUR ,C.G.

2 thoughts on “बसंत ऋतू का जब हुआ आगमन

  • गुरमेल सिंह भमरा लंदन

    बहुत खूब, भाई हमें तो यहाँ अभी दो महीने इंतज़ार करना पड़ेगा , फिर मौजां ही मौजां .

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