प्रेम तो है ना ….
प्रेम है तो है
गुलाब नहीं दिया तो क्या
हाँ प्रेम-पत्र भी नहीं लिखा तो क्या
डेट भी नहीं की तो क्या
अपना प्रेम इन सबका मोहताज नहीं
अपना तो रोज ही वेलेनटाईन डे है
अपने प्रेम में बेशुमार प्यार है
समर्पण है , खुशी का अहसास है
विरह की तड़प है
मिलन का अप्रतिम सौन्दर्य है
आत्मसंतुष्टी है
पूर्णता का अहसास है
खट्टी-मीठी नोक-झोंक भी तो है
रूठना-मनाना भी है
एक-दूजे की फिक्र भी है
और विश्वास … विश्वास भी तो है … है ना ??
प्रवीन मलिक
बहुत बहुत सुन्दर ………
बहुत बहुत धन्यवाद उपासना जी
प्रेम है और हमेशा रहेगा ! अच्छी कविता !
सादर धन्यवाद विजय कुमार सिंघल जी
बिलकुल है …… प्यार न दिन तारीख और न समय का मोहताज़ था ना कभी होगा ….. सुंदर रचना
धन्यवाद विभी मासी