कविता

दीवानी

एक बात कहूं

हाँ ….कहो

अगर मैं तुमसे
बात न करूँ
सब खाली खाली
सा लगता है …

पगली……….
लो आज फिर
दिल भर के
बातें कर लो
मेरे साथ
भर लो
सब खाली खाली को……..

सच ….!
तुम कितने अच्छे हो
जैसे मेरा सूरज
मेरा चाँद……….

पगली कहीं की
अब मुझे सारा
ब्रह्माण्ड न बना देना ……..

लो बताओ
इस में बनाने वाली क्या बात है
तुम हो …….सच में हो
आओ मेरी नज़रों से देखो …..

तुम भी न बिल्कुल
पागल हो
दीवानी …
….रितु शर्मा …

रितु शर्मा

नाम _रितु शर्मा सम्प्रति _शिक्षिका पता _हरिद्वार मन के भावो को उकेरना अच्छा लगता हैं

2 thoughts on “दीवानी

  • रमेश कुमार सिंह

    बहुत सुंदर सरल भाषा में रितु जी।

  • गुरमेल सिंह भमरा लंदन

    रितु जी , कविता खूबसूरत सरल और अच्छी लगी , धन्यवाद .

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