दीवानी
एक बात कहूं
हाँ ….कहो
अगर मैं तुमसे
बात न करूँ
सब खाली खाली
सा लगता है …
पगली……….
लो आज फिर
दिल भर के
बातें कर लो
मेरे साथ
भर लो
सब खाली खाली को……..
सच ….!
तुम कितने अच्छे हो
जैसे मेरा सूरज
मेरा चाँद……….
पगली कहीं की
अब मुझे सारा
ब्रह्माण्ड न बना देना ……..
लो बताओ
इस में बनाने वाली क्या बात है
तुम हो …….सच में हो
आओ मेरी नज़रों से देखो …..
तुम भी न बिल्कुल
पागल हो
दीवानी …
….रितु शर्मा …
बहुत सुंदर सरल भाषा में रितु जी।
रितु जी , कविता खूबसूरत सरल और अच्छी लगी , धन्यवाद .