बनके रहनुमा…..
विश्व बाजार परम्पराएं पुरानी ले गया
जीने का ढब खानदानी ले गया
बनके रहनुमा एक गरीब का कोई
झूठे वादों के बदले दुआएं रूहानी ले गया
चांद मंगल का हमें दिखाकर ख्वाब
वो हमारी आंखों का पानी ले गया
यादों का कफस देके एक लुटेरा
चेहरे से शादमानी ले गया
शोख मौसम के दिखा सपने कई
मेरे जीवन की रवानी ले गया
— भावना सिन्हा
v nice
अच्छी ग़ज़ल !