रिश्ते
रिश्तों के बिना अधूरा है जीवन
जीवन के बिना अधूरे है रिश्ते
हर एक साँस में मोती से जड़े होते है रिश्ते
कुछ सच्चे मोती तो कुछ खोटे होते है मोती
कुछ तो अंतिम साँस तक साथ निभा चले जाते है
कुछ द्वेष का ताना बाना बुन साथ निभाते है
क्यों सच्चे मोती से रिश्तों को नज़र अंदाज़ कर
खोटे मोती से रिश्तों को अहमियत दिए जाते है ।
गुंजन जी , विचार अछे लगे . सारी जिंदगी इन रिश्तों में गुज़ार दी , आखिर पता चला कि यह रिश्ते झूठे हैं . कभी रिश्ते बने , फिर टूट गए , टूट कर फिर बने , बस इस सब में ही जिंदगी गुज़र गई . अब पता चला कि यह दुनीआं सिर्फ मोह माया का जाल ही है .
वाह वाह ! बढ़िया !!