मंजूरी चाहिए
बस मंजूरी चाहीऐ
काम पर भी आऊंगी
झाड़ू पोछा भी करूंगी
बस मंजूरी दे दो मुझे
मैने भी पढ़ना है
पढ़ूंगी तो बिटिया को
पढ़ा सकूंगी मैं
नही देखा जाता मुझसे
झाड़ू कटका करना उसका
बहुत सहा मैने जिंदगी में
मेरी बिटिया न सहे वो सब
मंजूरी दे दो मुझे बस
मैने भी पढ़ना है
अब अंगूठा नही लगाना
सही करना है मुझे भी
अब कोई खेत न छीने
अब पढ़ कर सही करना है
मंजूरी दे दो मुझे बस
मैने भी पढ़ना है
पढ़ कर खेत वापस लेने हैं
घर छुड़वाना है अपना
बच्चो को छत देनी है
उन्हे पढ़ाई का महत्व
सब समझाना है
पढ़ूंगी तो पति को लाऊंगी
उन्हे परिवार का महत्व
समझा पाऊंगी मैं
बच्चो को भी कुछ बनाना है
पढ़ाई का महत्व समझाना है
बिटिया पढ़ी लिखी होगी
तभी तो उसका भविष्य
सब मुझे ही संवारना है
मंजूरी दे दो बस
मुझे भी पढ़ना है
राजू मोनू को देखा नही जाता
छोटे छोटे हाथो से मज़दूरी करते
मुझे उन्हे भी समझाना है
पढ़ाई का महत्व बताना है
क्या कर पाऊंगी मैं सब
पर मुझे करना ही है
मुझे पढ़ना ही है
अभी सो जाती हूँ
सुबह काम पर भी जाना है
घर का काम करके
रात को पढ़ना भी है
मंजूरी दे दो मुझे बस
मेरी उमर को न देखो
मेरी लगन को पहचानो
बहुत सुंदर कविता !
आभार विजय जी