कविता

कलम उठाओ शब्द लिखो

कलम उठाओ शब्द लिखो

शब्दों के फिर अर्थ लिखो

अर्थो के फिर दर्द लिखो

दर्द लिखो बेदर्द लिखो

कलम उठाओ शब्द लिखो

 

ख़ुशी प्रसन्नता हास्य लिखो

कुछ खट्टे – मीठे रसदार लिखो

शब्द प्रिय दो – चार लिखो

कलम उठाओ शब्द लिखो

 

राम सिया वनवास लिखो

राधा – श्याम की रास लिखो

फिर चाहे मधुमास लिखो

कलम उठाओ शब्द लिखो

 

जमना की जलधार लिखो

गंगा की यलगार लिखो

काशी का शिवधाम लिखो

कलम उठाओ शब्द लिखो

 

चन्द्रकान्ता सिवाल ‘चंद्रेश’

चन्द्रकान्ता सिवाल 'चंद्रेश'

जन्म तिथि : 15 जून 1970 नई दिल्ली शिक्षा : जीवन की कविता ही शिक्षा हैं कार्यक्षेत्र : ग्रहणी प्ररेणास्रोत : मेरी माँ स्व. गौरा देवी सिवाल साहित्यिक यात्रा : विभिन्न स्थानीय एवम् राष्ट्रीय पत्र पत्रिकाओं में रचनाएँ प्रकाशित कुछ प्रकाशित कवितायें * माँ फुलों में * मैली उजली धुप * मैट्रो की सीढ़ियां * गागर में सागर * जेठ की दोपहरी प्रकाशन : सांझासंग्रह *सहोदरी सोपान * भाग -1 भाषा सहोदरी हिंदी सांझासंग्रह *कविता अनवरत * भाग -3 अयन प्रकाशन सम्प्राप्ति : भाषा सहोदरी हिंदी * सहोदरी साहित्य सम्मान से सम्मानित

One thought on “कलम उठाओ शब्द लिखो

  • विजय कुमार सिंघल

    बहुत अच्छा गीत !

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