तेरा मैं इंतज़ार …
तेरा मैं इंतज़ार करता रहता हूँ
असहनीय दर्द सहता रहता हूँ
मेरा मन लगता नहीं कहीं भी
बस तुझे ही पुकारता रहता हूँ
तुम्हें वियोग का अहसास है नहीं
आवारा दरिया सा बहता रहता हूँ
मुझे मन से अपने अपना लो
यही तो तुमसे कहता रहता हूँ
आते आते तुम्हें देर हो जायेगी
तेरी झलक पाने तरसता रहता हूँ
तेरे लिए प्यार मुझमे असीम है
आजकल खुद को परखता रहता हूँ
किशोर कुमार खोरेन्द्र
वाह !
shukriya