हायकू : राधिका
भीगे नयन
निहारि छटा कही
राधिका बैन/ १
कान्हा के मन
राधिका बसत हैं
शृंगार बन …/ २
दिल तू राधा
झूठा यह संसार
लगत बाधा,,,३
रैन राधिका
कहते नयनन
दिल भाविका ४
श्याम राधिका
नाम राधिका तेरा
कान्हा प्रेमिका ५
नभ मे राधा
तन मे राधेश्याम
फिर क्यों व्याधा ,,,६
— राजकिशोर मिश्र [राज]
बहुत बढ़िया !
बहन जी हौसला अफजाई के लिएधन्यवाद
बहुत अछे लगे .
आदरणीय श्री गुरमेल सिंह भमरा जी हौसला अफजाई एवम् त्वरित प्रतिक्रिया के लिए कोटिश आभार ,
बढ़िया हाइकु !
आदरणीय श्री विजय कुमार सिंघल जी सबसे पहले मै आपका आभार व्यक्त करना चाहता हूँ आपने मुझे जो सम्मान दिया उसके लिए तहेदिल से शुक्रिया एवं धन्यवाद ,,,, हौसला अफजाई एवम् त्वरित प्रतिक्रिया के लिए कोटिश आभार
आदरणीय श्री विजय कुमार सिंघल जी हौसला अफजाई एवम् त्वरित प्रतिक्रिया के लिए कोटिश आभार ,