हायकू : कवि कविता
कवि हृदय
रवि प्रकाश सम
हुआ उजाला
============
देखि सुमन
गति कलियाँ चली
करने प्रेम
===========
घिरी बदरी
उमड़ि-उमड़ि के
बरसे नीर ,,,,
=========
कविता प्रिय
प्रियतम संदेश
है खुशहाली
=============
प्रथम घटा
घनघोर छोर न
. कवि कविता
================
यथार्तबोध
का नित गुंजन
करे कविता
=================
कवि हृदय
तिमिर विनासक
जग प्रकाश
— राजकिशोर मिश्र [राज]
बहुत खूब ! हाइकू बहुत अच्छे लगे |
बहन जी हौसला अफजाई के लिएआभार
अच्छे हाइकु !
आदरणीय श्री विजय कुमार सिंघल जी हौसला अफजाई के लिए आभार
बहुत अछे लगे .
आदरणीय श्री गुरमेल सिंह भमरा जीआपके हार्दिक त्वरित प्रतिक्रिया के लिए शुक्रिया एवं धन्यवाद हौसला अफजाई के लिए तहेदिल से कोटिश आभार ,