शिशुगीत

शिशु गीत : चाँद सो गया

चाँद सो गया रात मे
देखा सपना प्रात में
चाँद की मम्मी सुला रही थी,
प्यारी लोरी सुना रही थी …
सो जाओ मेरे लाल अभी
आने वाली प्रात अभी
कलरव करते नभ में विहंग
झुंड-झुंड में उड़े विहंग
मातु गीत सुनाय रही है
चाँद को आज सुलाय रही है
गीत संग में प्यारी थपकी
रात चाँद ले रहा है झपकी

— राजकिशोर मिश्र
१६/०५/२०१५

राज किशोर मिश्र 'राज'

संक्षिप्त परिचय मै राजकिशोर मिश्र 'राज' प्रतापगढ़ी कवि , लेखक , साहित्यकार हूँ । लेखन मेरा शौक - शब्द -शब्द की मणिका पिरो का बनाता हूँ छंद, यति गति अलंकारित भावों से उदभित रसना का माधुर्य भाव ही मेरा परिचय है १९९६ में राजनीति शास्त्र से परास्नातक डा . राममनोहर लोहिया विश्वविद्यालय से राजनैतिक विचारको के विचारों गहन अध्ययन व्याकरण और छ्न्द विधाओं को समझने /जानने का दौर रहा । प्रतापगढ़ उत्तरप्रदेश मेरी शिक्षा स्थली रही ,अपने अंतर्मन भावों को सहज छ्न्द मणिका में पिरों कर साकार रूप प्रदान करते हुए कवि धर्म का निर्वहन करता हूँ । संदेशपद सामयिक परिदृश्य मेरी लेखनी के ओज एवम् प्रेरणा स्रोत हैं । वार्णिक , मात्रिक, छ्न्दमुक्त रचनाओं के साथ -साथ गद्य विधा में उपन्यास , एकांकी , कहानी सतत लिखता रहता हूँ । प्रकाशित साझा संकलन - युवा उत्कर्ष साहित्यिक मंच का उत्कर्ष संग्रह २०१५ , अब तो २०१६, रजनीगंधा , विहग प्रीति के , आदि यत्र तत्र पत्र पत्रिकाओं में निरंतर रचनाएँ प्रकाशित होती रहती हैं सम्मान --- युवा उत्कर्ष साहित्यिक मंच से साहित्य गौरव सम्मान , सशक्त लेखनी सम्मान , साहित्य सरोज सारस्वत सम्मान आदि

6 thoughts on “शिशु गीत : चाँद सो गया

  • गुरमेल सिंह भमरा लंदन

    राज जी , बाल कविता तो अच्छी है लेकिन शब्द कुछ सरल हों तो मुझ जैसे कम हिंदी जान्ने वालों के लिए भी आसान लगे . विजय भाई से मैं सहमत हूँ .

    • राज किशोर मिश्र 'राज'

      आदरणीय श्री गुरमेल सिंह भमरा जी हम आपके कथन से पूर्णतया सहमत है

      आगे से बाल कविता सरल शब्दों की मणिकाओं मे पिरोने के लिए तत्पर रहूँगा

      आपके दिशा निर्देश का सादर स्वागत एवम् अभिनंदन

  • विजय कुमार सिंघल

    अच्छी बाल कविता ! एकाध शब्द बच्चों के अनुसार कठिन है. जैसे कलरव, विहंग, नभ… उनकी जगह सरल शब्द होने चाहिए.

    • राज किशोर मिश्र 'राज'

      आदरणीय श्री विजय कुमार सिंघल जी हम आपके कथन से पूर्णतया सहमत है

      आगे से बाल कविता सरल शब्दों की मणिकाओं मे पिरोने के लिए तत्पर रहूँगा ,,,,

      आपके दिशा निर्देश का सादर स्वागत और आभार

  • गुरमेल सिंह भमरा लंदन

    बहुत खूब , वाह वाह .

    • राज किशोर मिश्र 'राज'

      आदरणीय श्री गुरमेल सिंह भमरा जीआपके हार्दिक त्वरित प्रतिक्रिया के लिए शुक्रिया एवं धन्यवाद हौसला अफजाई के लिए तहेदिल से कोटिश आभार ,

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