कविता लघु काव्य *विभा रानी श्रीवास्तव 08/06/2015 नीड़ उजड़े – उर्मियाँ उच्छलन झंझा-वायु से 2 लूता की चाल पार्श्वस्थ समेटती- नमी घेरते।
बहुत खूब .
बढ़िया !