चतुष्पदी
माँ का दूध कलंकित कर , नारी पर शक्ति दिखाते हैं
ऐसे नापाक नामर्द जगत में, कैसे मुख दिखलाते हैं
पुरुषत्व कभी न शोषण करता, प्रेम का पाठ पढ़ाता है
क्यारी-क्यारी सींच सींच कर, गुलशन रोज सजाता है
— राजकिशोर मिश्र राज
माँ का दूध कलंकित कर , नारी पर शक्ति दिखाते हैं
ऐसे नापाक नामर्द जगत में, कैसे मुख दिखलाते हैं
पुरुषत्व कभी न शोषण करता, प्रेम का पाठ पढ़ाता है
क्यारी-क्यारी सींच सींच कर, गुलशन रोज सजाता है
— राजकिशोर मिश्र राज
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कम लफ़्ज़ों में बहुत कुछ कह दिया .
आदरणीय हौसला अफजाई के लिए आभार/
बढ़िया !
आदरणीय हौसला अफजाई के लिए कोटिश आभार/