मन …….
ए मन तू उदास मत हो |
सुख -दुःख तो आनी हैं ,
कष्ट आएंगे उसे सहना होगा |
फिर से तुम्हें सम्भलना होगा ,
ए मन तू उदास मत हो |
सूरज फिर से उदय होगा ,
कल नया सवेरा लाएगा |
अपनी रौशनी से जग को जगमगाएगा ,
ए मन तू उदास मत हो |
तुम फिर से उस प्यार को पाओगे ,
जो प्यार को तुमने खोया है |
खोया हुआ दिन फिर से वापस आएंगे ,
ऐ चमन तू उदास मत हो |
तुम्हारे इस निराशा पर ,
आशाओं के फूल खिलेंगे |
फिर से तुम्हारी जिंदगी में ,
नयी -नयी खुशिया बहार आएंगे |
ए मन तू उदास मत हो |
………निवेदिता चतुर्वेदी
मन की बात अच्छी लगी , निराशा में डूबने से कुछ नहीं होगा ,आशावादी रहने से ही जिंदगी आगे चलेगी .
jee dhanybad