कविता

माँ-

तुम्हारी गोद में सर रखकर अपने गम हल्के करता था |
तुम थी तो हर दिन खुशियों का था |
तुम मेरे आँसू भी मोती से कर देती |
मेरी खुशियों को और बड़ाती ,
तुम थीं तो सब कुछ अच्छा था |
तुम नहीं तो देखो खुशियां भी कोई नहीं बांटता |
खुशी हो तो बस थोड़ा सा मुस्कुरा देता हूँ |
गम हो तो यूंही होठों को सी लेता हूँ |
पर तुम थी तो हर दिन खुशियों का था |||

— कामनी गुप्ता जम्मू

कामनी गुप्ता

माता जी का नाम - स्व.रानी गुप्ता पिता जी का नाम - श्री सुभाष चन्द्र गुप्ता जन्म स्थान - जम्मू पढ़ाई - M.sc. in mathematics अभी तक भाषा सहोदरी सोपान -2 का साँझा संग्रह से लेखन की शुरूआत की है |अभी और अच्छा कर पाऊँ इसके लिए प्रयासरत रहूंगी |

4 thoughts on “माँ-

  • गुरमेल सिंह भमरा लंदन

    अच्छी कविता है.

    • कामनी गुप्ता

      धन्यवाद सर जी

  • विजय कुमार सिंघल

    बहुत खूब !

    • कामनी गुप्ता

      Thanks sirji

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