पापा
पापा अकसर अपनी परेशानियों का आभास होने नहीं देते |
जाने कहाँ से लाते हैं इतना हौंसला कि परेशान हमे होने नहीं देते |
अन्दर से चाहे टूट चूके हों पर परिवार को महसूस होने नहीं देते |
रहते हैं बनकर घर की छाया परिवार को घबराने नहीं देते |
जाने कहाँ से लाते हैं इतना हौंसला.. …..
खुद के अरमानों का गला घोंट कर परिवार के सपने टूटने नहीं देते |
छोटी से लेकर बड़ी फरमाईशें भी जाने कहाँ से पूरी हैं करते |
आँच ना आए कभी परिवार पर हर जत्न हैं वो करते |
जाने कहाँ से लाते………
माना कभी सही कभी गल्त फैसले भी कर देते |
पर दिल से तो वो हमारा भला ही हैं सोचते |
पापा अकसर अपनी……
जाने कहाँ से लाते ………
— कामनी गुप्ता जम्मू
बहुत खूब
Thanks ji
बढ़िया !
Thanks sirji