बालकविता स्कूल
चुनमुन चुनमुन चल स्कूल,
झाड़ किताबो की अब धूल,
छुट्टी मे इतना खेले कि
पढ़ना लिखना गए सब भूल
खत्म हो गई छुट्टी अब तो,
रोज़ विद्यालय जाऐंगें,
पढ़लिख कर कुछ बन पाऐ
काम सभी के आऐंगे।।
— असमा सुबहानी
चुनमुन चुनमुन चल स्कूल,
झाड़ किताबो की अब धूल,
छुट्टी मे इतना खेले कि
पढ़ना लिखना गए सब भूल
खत्म हो गई छुट्टी अब तो,
रोज़ विद्यालय जाऐंगें,
पढ़लिख कर कुछ बन पाऐ
काम सभी के आऐंगे।।
— असमा सुबहानी
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अच्छी बाल कविता !