जुदाई
ये कैसी जुदाई दिया तुने मेरा हाल बुरा हो गया।
फटी सी जिन्दगी में मेरा दिल तड़पता रह गया।
तेरे इस तनहाई के दर्द से मैं गुजरता चला गया।
अब तक आशु तो बह रहे थे दिल रोता रह गया।
आँखों के खुलने पर तुम्हे याद करता रह गया।
आँखों के बन्द होने पर ख्वाब देखता रह गया।
याद और ख्वाब में अपना संसार देखता रह गया।
“प्रिये” तुम्हारी याद में मैं सफर काटता रह गया ।
@रमेश कुमार सिंह /३१-०५-२०१५