कोई और राह तलाश कर
ऐ जिंदगी हार के ऐसे तू दिल को न निराश कर,
मंजिल तक पहुँचने का कोई और राह तलाश कर।
सफलता रुठे रुठने दो धैर्य का बाँध कभी न टूटे,
किस्मत सोये तो सोने दे उम्मिद का दीप कभी न बूझे,
वक्त सबको साथ ले आयेगा तू अपना अभ्यास कर…
कायर को अपना हर काम लगता है नामुमकिन,
परिस्थिति को बदल देते हैं कर्मवीर एक दिन,
अपनी शर्तें पूरा करने का तू जरा प्रयास कर…
मुस्किल वक्त में भी अपना हौसला बढ़ाना है,
सारी दुनिया जीत के नभ में उड़ान लगाना है,
ऐसा करके दिखायेंगे खुद पर जरा विश्वास कर,
मंजिल पर पहुँचने का कोई और राह तलाश कर।
– दीपिका कुमारी दीप्ति