आँसुओ को बह जाने दो
आँसुओ को आँखों से छलक जाने दो |
ना छुपाओ आँखों मे उन्हें बह जाने दो |
रह गए जो अन्दर तो सिसकते रहेंगे |
यूंही आँखों को बोझिल यह करते रहेंगे |
आज ज़िन्दगी को नया रूप ले लेने दो |
गम से अपना नाता अब तुम टूट जाने दो |
जो धुआँ उठ रहा है खत्म हुए ज़ज्बातो से उसे थम जाने दो |
वक्त ने रख दिया है मरहम अब ना कुरेदो ज़ख्मों को उन्हें भर जाने दो |||
— कामनी गुप्ता
बढ़िया !
Thanks sirji