कामयाबी
पैसा प्रतिष्ठा या सत्ता पा जाना ही कामयाबी नहीं है
सच्ची सफलता भीतर से मिलने वाली ख़ुशियाँ हैं।
यह तभी मिलती है जब उस चीज़ को पाने के लिए,
समय और जीवन समर्पित होता है उस कार्य के लिए।
हमेशा यह पता होना चाहिए जिन्दगी में करना क्या है?
कामयाब हुए हैं जो लोग अपने मंसूबे को तय किया है।
जिन्होंने समाज से आज तक जो सब कुछ लिया है,
मंजिल पर पहुँचने के बाद उसे लौटाने का प्रयास किया है।
निष्कर्ष पर पहुँचता वहीं है जो विचार मंथन करता है,
जरूरत पर शरीर मन विवेक से कार्य करता है।
जैसे सभी अंगुलियां मिलकर एक साथ काम करतीं हैं
वैसे ही सब मिलकर एक बड़ा शक्ति का स्रोत बन जाता है।
— रमेश कुमार सिंह
badiya
सादर धन्यवाद!!!
बहुत खूब .
शुक्रिया श्रीमान जी।
यह गद्यात्मक पद्य अच्छा लगा।
जी धन्यवाद श्रीमान जी।
सुंदर कविता! प्रेरणादायी!!