गीतिका/ग़ज़ल

ग़ज़ल

ये रिश्ते और ये शादी सभी केवल बहाना ….है ,
मुहब्बत वो तराना है जो सबको गुनगुनाना है |
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चला है कौन सा नम्बर तुम्हारी आइडी है क्या ,
मुझे इतना बता देना तुम्हारा क्या ठिकाना ..है |
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रहो तुम दूर ही बेशक मगर नेट पर बनी  रहना ,
इसी पर बात करनी है इसी पर रूठ जाना… है |
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हमारी याद आये तो फकत नेट पर चली आना ,
न मम्मी को खबर होगी न डेडी को बताना …है |
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यहीं दिल मिलन होता यहीं दिल टूट कर बिखरे ,
न कोई जान पाता है समय कितना सयाना.. है |
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हुआ आलोक आशिक ये सभी से इश्क फरमाए ,
यही दौलत कमाई है गले सब को लगाना ….है |

अनन्त आलोक

अनन्त आलोक

नाम - अनन्त आलोक जन्म - 28 - 10 - 1974 षिक्षा - वाणिज्य स्नातक शिक्षा स्नातक, पी.जी.डी.आए.डी., व्यवसाय - अध्यापन विधाएं - कविता, गीत, ग़़ज़ल, हाइकु बाल कविता, लेख, कहानी, निबन्ध, संस्मरण, लघुकथा, लोक - कथा, मुक्तक एवं संपादन। लेखन माध्यम - हिन्दी, हिमाचली एंव अंग्रेजी। विशेष- हि0प्र0 सिरमौर कला संगम द्वारा सम्मानित पर्वतालोक की उपाधि - विभिन्न शैक्षिक तथा सामाजिक संस्थाओं द्वारा अनेकों प्रशस्ति पत्र, सम्मान - नौणी विश्वविद्यालय द्वारा सम्मान व प्रशस्ति पत्र - दो वर्ष पत्रकारिता आकाशवाणी से रचनाएं प्रसारित - दर्जनों पत्र-पत्रिकाओं में रचनाएं प्रकाशित - काव्य सम्मेलनों में निरंतर भागीदारी - चार दर्जन से अधिक बाल कविताएं, कहानियां विभिन्न बाल पत्रिकाओं में प्रकाशित प्रकाशन - तलाश (काव्य संग्रह) 2011 संपर्क सूत्र - साहित्यालोक, बायरी, डा0 ददाहू, त0 नाहन, जि0 सिरमौर, हि0प्र0 173022 9418740772, 9816642167