कुछ शब्द
कल घर से निकली ही थी
कुछ शब्द मिल गए रास्ते में
बदहवास से
बेचैन से
कभी यहाँ कभी वहा
अरे !
क्या हुआ ?
बाहर क्यों घूम रहे
कोई तुम्हे चुरा ले गया तो
पहले शब्द कुछ घबराये
फिर बोले
कोई हमें ले जाये ,और शायद जोड़ सके
हम किसी के टूटे दिल के शब्द है
बाहर फेक दिया हमें
आशुओं के साथ
काश कोई हमें भी समझ पाता ,
दिल का दर्द शब्दों में उकेर पाता
बहुत अच्छी कविता .
धन्यवाद