अन्न की बर्बादी ?
- बहुत हैं ऐसे जो ,एक रोटी के लिए तरसते हैं
- थाली भर लेते हैं कुछ,आधा खाकर छोड़ देते हैं
- जिम्मेदार हैं वे खुद, इस देश के अन्न की बर्बादी के
- नासमझी में बर्बाद कर अन्न,औरों को भूखा रखते हैं |
- समझदारी से थाली में उतना ले, जितना खा सकते हैं
- जरुरत पड़ने पर हर भोज्य को, बार बार ले सकते हैं
- सोचो जरा उन गरीब लाचार ,निराश्रय लोगो के बारे में
- देश में ऐसे करोड़ों लोग हैं ,जो भूखे पेट सोते हैं |
- केवल खुद के बारे में नहीं ,देश के बारे में भी सोचना है
- देशभक्त, जिम्मेदार नागरिक का, यह पावन कर्त्तव्य है
- अन्न की बरबादी रोकना ,है यह सबकी नैतिक जिम्मेदारी
- जब सबके थाली में भोजन होगा,तब कहेंगे देश खुशहाल है |
कालीपद ‘प्रसाद’
© सर्वाधिकार सुरक्षित