हाइकु
हाइकु
1
उजला मन
आशाओं का दर्पण
ये देखे स्वप्न।
2
सबने पीया
खामोशी का सागर
तूफाँ सब में।
3
यादों के पँछी
खुले पिंजरे से भी
उड़ते नहीं।
4
क्यों दिया प्रभु
ये चन्दन-सा मन
डसें भुजंग।
5
हाथ पकड़
बादल को ले उडी
बहती हवा।
6
बुरा समय
छोटी हुई कतारें
हितैषियों की।
7
बजाती हुई
लहरों की पायल
बहती नदी।
8
रंग-बिरंगा
ओढ़ती लहरिया
सुहानी साँझ।
9
मीठी मुस्कान
देखूं तेरे होठों पे
भुलूँ दुःख को।
10
तपस्वी संत
देवदार के वृक्ष
साधनारत।
अनिता
लाजवाब
हाइकु